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मध्य प्रदेश चुनाव: बेटा-बेटी, भाई-भतीजा सबका हाल जानिए

उन नौ सीटों का हाल, जहां बड़े नेताओं के वारिस चुनाव लड़ रहे हैं.

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मध्य प्रदेश की कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां पिछली पीढ़ी के कुछ बड़े नेताओं के सगे-संबंधी खड़े हैं. किसी का बेटा, किसी की बेटी, किसी का भाई-भतीजा. इन्हीं राजनैतिक वारिसों की वजह से इन सीटों पर खास नज़र थी (फोटो में, दाहिनी ओर से: विजयाराजे सिंधिया, दिग्विजय सिंह, बाबूलाल गौड़)
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11 दिसंबर 2018 (Updated: 12 दिसंबर 2018, 17:37 IST)
Updated: 12 दिसंबर 2018 17:37 IST
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Madhya Pradesh Election का नतीजा क्या होगा, ये बहुत जल्द साफ हो जाएगा. काउंटिंग चल रही है. अभी का हाल ये है कि सुई कभी कांग्रेस की तरफ जा रही है, कभी बीजेपी की तरफ. फाइनल नतीजा जब आएगा, तब आपको बताएंगे. फिलहाल बता रहे हैं चुनाव लड़ रहे हाई-प्रोफाइल वारिसों का हाल. वारिस माने कद्दावर नेताओं की अगली पीढ़ी (बस बेटा-बेटी नहीं) ने चुनाव में क्या हासिल किया है.
1. सीट का नाम: झाबुआ शहर कौन वारिस, किसका वारिस: कांग्रेस के बड़े नेता हैं कांति भूरिया. इनके बेटे विक्रांत भूरिया यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. इनके खिलाफ खड़े हैं बीजेपी के गुमानसिंह डामोर.
पिछली बार के नतीजे - 
बीजेपी के शांतिलाल बिलवाल ने कांग्रेस से सिटिंग एमएलए जेवियर मेडा को करीब 16 हजार वोट से हराया था.
इस बार के नतीजेः विक्रांत 10437 वोट से हार गए हैं.
झाबुआ के अंतिम नतीजे
झाबुआ के अंतिम नतीजे

2. सीट का नाम: इंदौर 3 कौन वारिस, किसका वारिस: बीजेपी के नेता हैं कैलाश विजयवर्गीय. उनके लाड़ले आकाश विजयवर्गीय यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस के अश्विन जोशी हैं.
पिछली बार के नतीजे -
भाजपा की ऊषा ठाकुर ने लगभग 13000 वोट से अश्विन जोशी को हराया था. इस बार ऊषा को महू से टिकट दिया गया है.
 इस बार के नतीजे -
आकाश ने 5751 वोट से चुनाव जीत लिया है.
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इंदौर 3 के अंतम नतीजे

3. सीट का नाम: राघवगढ़ कौन वारिस, किसका वारिस: दिग्विजय सिंह कांग्रेस में बड़ा नाम हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनके बेटे जयवर्धन सिंह इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ हैं बीजेपी के भूपेंद्र सिंह रघुवंशी.
2013 का नतीजा -
जयवर्धन सिंह ने राधेश्याम धाकड़ को 58 हज़ार वोट से हराया था.
इस बार का नतीजा -
जयवर्धन तकरीबन 27 हजार वोटों से जीत गए हैं.
raghogarh

दिग्विजय के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह भी चाचौड़ा से इलेक्शन लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ बीजेपी की तरफ से हैं ममता मीणा. पिछली बार इस सीट पर भाजपा की ममता मीणा को 82779 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस के शिवनारायण मीणा 47878 वोट के साथ दूसरे स्थान पर थे. माने लीड थी 35 हज़ार की.
इस बार का नतीजा - लक्ष्मण सिंह लगभग 9 हज़ार वोट से जीत गए हैं.
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दिग्विजय के भतीजे प्रियव्रत सिंह भी हैं मैदान में. सीट का नाम है खिलचीपुर. बीजेपी ने उनके खिलाफ हजारीलाल डांगी को टिकट दिया.
पिछली बार का चुनाव -
भाजपा के कुंवर हजारीलाल दांगी ने कांग्रेस के प्रियव्रत सिंह खिंची को 11 हज़ार से ज़्यादा वोट से शिकस्त दी थी.
इस बार का नतीजा -
प्रियव्रत सिंह लगभग 29000 वोट से जीत गए हैं.
khilchipur

4. सीट का नाम: गोविंदपुरा कौन वारिस, किसका वारिस: बीजेपी नेता बाबूलाल गौड़ की सीट. 44 साल से वो इस सीट पर जमे हुए हैं. पिछली बार उन्होंने कांग्रेस के गोविंद गोयल को 70 हज़ार वोट से हराया था. इस बार मैदान में हैं बाबूलाल गौड़ की बहू कृष्णा गौड़ और कांग्रेस के गिरीश शर्मा. इस बार का नतीजा-
कृष्णा गौड़ 46 हजार वोट से जीत गई हैं.
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5. सीट का नाम: शिवपुरीकौन वारिस, किसका वारिस: राजमाता सिंधिया ने मध्य प्रदेश में बीजेपी को खड़ा किया. आज भले ही बीजेपी सबसे अमीर पार्टी हो हिंदुस्तान की, लेकिन जब उसके पास पैसे नहीं हुआ करते थे तब राजमाता ने खूब फंड दिया था उसको. उनकी बेटी यशोधरा राजे सिंधिया इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस ने सिद्धार्थ लढ़ा को उतारा है.
पिछली बार का नतीजा - 
यशोधरा ने कांग्रेस के वीरेंद्र रघुवंशी को लगभग 11 हज़ार वोट से हराया था.
इस बार का नतीजा -
यशोधरा ने सिद्धार्थ लढ़ा को साढ़े 28 हजार वोट से हरा दिया है.
shivpuri

6. सीट का नाम: गुढ़कौन वारिस, किसका वारिस: श्रीनिवास तिवारी कांग्रेस के बड़े नेता थे. विधासभा अध्यक्ष भी रहे थे. 'वाइट टाइगर ऑफ रीवा' कहलाते थे. अब नहीं रहे, तो इस बार उनके बेटे सुंदरलाल तिवारी यहां से लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ बीजेपी ने नागेंद्र सिंह को उतारा.
पिछली बार के नतीजे - 
सुंदर लाल तिवारी ने बीजेपी उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक नागेंद्र सिंह करीब 1400 वोट से हरा दिया था.
इस बार के नतीजे -
सुंदरलाल तिवारी तीसरे नंबर पर रहे. जीते भाजपा के नागेंद्र सिंह, लगभग 8 हज़ार वोट से.
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7. सीट का नाम: भीतरवारकौन वारिस, किसका वारिस: अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा यहां बीजेपी के उम्मीदवार हैं. उनका सीधा मुकाबला है कांग्रेस के लाखन सिंह यादव से.
पिछली बार के नतीजे -
लाखन सिंह यादव ने अनूप मिश्र को लगभग 6 हज़ार वोट से हरा दिया था.
इस बार के नतीजे -
लाखनसिंह यादव 12 हज़ार की लीड से जीत गए हैं.
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